नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर सोमवार को एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने अहम जानकारियां साझा कीं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के पास पाकिस्तान की संलिप्तता के पर्याप्त और पुष्ट प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने दो सप्ताह से अधिक समय बीतने के बावजूद इस हमले में शामिल आतंकियों या उनके नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
कर्नल सोफिया कुरैशी का बड़ा बयान:
भारतीय सेना की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को सटीक और योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया।
उन्होंने कहा,
“यह कार्रवाई पूरी तरह से सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित थी। हमारा पहला उद्देश्य यह था कि कोई आम नागरिक हताहत न हो और आतंकियों के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह खत्म किया जाए — हम इसमें सफल रहे हैं।”
कहां-कहां किया गया हमला?
हालांकि सुरक्षा कारणों से सटीक स्थानों की जानकारी साझा नहीं की गई, लेकिन सूत्रों के हवाले से यह सामने आया है कि ऑपरेशन के तहत हमले POK के नीलम वैली, मुजफ्फराबाद और कोटली सेक्टर में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स पर केंद्रित थे।
इन ठिकानों का इस्तेमाल आतंकियों की घुसपैठ, ट्रेनिंग और हथियार आपूर्ति के लिए किया जा रहा था। भारतीय सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में इन ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।
संदेश साफ है: भारत की जवाबी कार्रवाई अब नपी-तुली और निर्णायक
इस ऑपरेशन से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब आतंकी हमलों का सीधा, तीखा और निर्णायक जवाब देता है। कर्नल कुरैशी की अगुवाई में की गई यह कार्रवाई भारतीय सेना की पेशेवर क्षमता और सटीक सैन्य नीति का प्रमाण है।