*INDIA CRIME NEWS कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली राज्य विरोधी और विघ्न संतोषीः भट्ट*
*30 मई का होने वाली कांग्रेस की रैली को लेकर जमकर बरसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष*
देहरादून। भाजपा ने चार धाम यात्रा शुरुआत के दिन, कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को, राज्य विरोधी और पावन कार्यों में विघ्न संतोषी रवैया बताया है। प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का इस मुद्दे को उठाना, बिल्ली के सौ चूहे खाकर हज करने जैसा है। लिहाजा उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता शेष है तो राज्यहित और देशहित में उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करना चाहिए और यात्रा में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के अभियान की टाइमिंग और औचित्य पर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ का काम करती है। लिहाजा जब कल से इस पावन यात्रा का शुभारंभ हो रहा है तो ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी का राजनैतिक कार्यक्रम करना उनके नकारात्मक रुख को स्पष्ट करता है। कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि राज्य का विकास जारी रहे और उसकी देवभूमि छवि की कीर्ति में वृद्धि हो। इसलिए वह यात्रा व्यवस्था में जुटे प्रशासन और आम लोगों के प्रयासों में विघ्न डालने के लिए यह कार्यक्रम करना चाहते हैं। विगत वर्ष में भी यात्रा प्रभावित करने के लिए कांग्रेस ने इसी तरह के अनेकों राजनैतिक प्रपंच किए थे। जो यात्रा के अंतिम दिनों तक केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा के रूप में जारी रहे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह प्रयास और भी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है कि ये सब उस समय किया जा रहा हो जब देश पहलगाम हमले से दुख और आक्रोश में है। वो पीएम मोदी के नेतृत्व में दुश्मनों को करारा जवाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है। लेकिन कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति नॉन स्टॉप जारी है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि यदि उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो वह यात्रा को देखते हुए प्रदेश हित में अपने राजनैतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दे। बेहतर हो कि उनके कार्यकर्ता भी यात्रा प्रबंधन में सहयोग और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, तीव्र गति से विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एकजुटता से बढ़ रहा है। वहीं अपने नकारात्मक रुख के चलते, कांग्रेस पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों को अपना राजनैतिक भविष्य शून्य की तरफ खिसकता नजर आ रहा है। यही वजह है कि वे हताशा निराशा में लगातार देश में भ्रम और झूठ फैलाने की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की प्रस्तावित संविधान बचाओ यात्रा भी, देश समाज को बरगलाकर, अराजक माहौल पैदा कर, जनता के आत्मविश्वास को कमजोर करने की इसी साजिश का हिस्सा है। अभिव्यक्ति की आजादी, प्रत्येक पार्टी को अपनी बात रखने का अवसर देती है। उन्होंने कांग्रेस के इस आंदोलन के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा, सबसे हैरानी की बात यह भी है कि संविधान बचाने का दावा वह पार्टी जिसके हाथ लोकतंत्र और संविधान के खून से रंगे हुए हैं। देश के लोकतान्त्रिक इतिहास में सबसे काला अध्याय है यदि कोई है तो वह है आपातकाल, जिसके रचयिता कोई और नहीं कांग्रेस पार्टी है। देश ने देखा कि किस तरह हाईकोर्ट के निर्णय से खुद का सिंहासन हिलते देख तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को बंधक बनाकर, आपातकाल थोप दिया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिकता सभी का गला घोंटने का प्रयास किया।
कांग्रेस ने संविधान कुचलने का दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण धारा 356 का दुरुपयोग को बताया। कहा, इस धारा 356 को कांग्रेस खिलौने की तरह इस्तेमाल करती रही है। उसके राजनीतिक फायदे के लिए बार -बार इसका इस्तेमाल किया। देश में अब तक 124 बार इस धारा का उपयोग हुआ जिसमें अकेले कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोग से चली सरकारों ने 102 बार चुनी हुई सरकारों के दमन में इसका दुरुपयोग किया। वहीं संविधान से छेड़छाड़ कर उसे कमजोर करने का तो उसका लंबा और दागदार इतिहास रहा है।
आपातकाल में कांग्रेस ने संसद की अवधि भी पांच से बढ़ा कर छह साल कर दी थी और संविधान में बदलाव का ऐसा प्रस्ताव लाया गया था जिसमें इंदिरा गांधी को ताउम्र प्रधानमंत्री बनाने और न्यायपालिका को सरकार की नीतियों के साथ चलने का प्रस्ताव लाया गया था। संविधान की मूल प्रस्तावना में छेड़छाड़ करते हुए उसमें समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को जोड़ा गया। संविधान के विपरीत जाकर जम्मू-कश्मीर में 370 लागू कर उसे देश से अलग दिखाने का पाप किया। एक देश में दो संविधान, दो विधान और दो निशान की इसी भावना ने कश्मीर को आतंक की भट्टी में झोंके रखा।
उन्होंने तुलनात्मक रूप में कहा, हमने बहुमत का उपयोग मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के श्राप और वक्फ बोर्ड की माफियागिरी से आजाद करने के लिए किया। लेकिन कांग्रेस ने राजीव गांधी को मिले दो तिहाई बहुमत का दुरुपयोग पीड़ित बुजुर्ग महिला शाहबानों के साथ अन्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने में किया। पीएम और पीएमओ को कंट्रोल करने के लिए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बनाकर करोड़ों लोगों के जनमत का अपमान किया गया। देश दुनिया ने देखा कैसे लोकतंत्र में भी रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई जाती है। महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय विदेशी नेताओं और राजनयिकों के साथ बैठकों और मुलाकात में असंवैधानिक रूप में सोनिया गांधी पीएम को सुपरसीड करती थी।
उन्होंने तंज कसा कि राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते हैं जबकि इन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार के अध्यादेश फाड़ कर संवैधानिक व्यवस्था का सरेआम अपमान किया था। अनेकों राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सार्वजनिक अपमान इनके नेताओं द्वारा किया गया। ये लोग तो अपनी पार्टी के गांधी परिवार के लिए अलग कानून की बात कहने वाले लोग हैं।
इस दौरान पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कोली, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह नेगी, संजीव वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन, सुनीता विद्यार्थी, राजकुमार पुरोहित मौजूद रहे।