*INDIA CRIME न्यूज बिना अनुमति निकायों में आउटसोर्स कर दिए 700 कर्मचारी*

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*INDIA CRIME न्यूज बिना अनुमति निकायों में आउटसोर्स कर दिए 700 कर्मचारी*

शासन ने मांगी रिपोर्ट अब नौकरी पर लटकी तलवार
देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव नजदीक हैं। निकाय चुनाव से ठीक पहले निकायों में बिना पदों के भर्ती के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर शासन ने नजर टेढ़ी कर दी है। इस संबंध में विभाग ने सभी निकायों से रिपोर्ट मांगी है।
अब कुछ ही दिनों में निकाय चुनाव का कार्यक्रम जारी हो सकता है। निकायों में नए बोर्ड के गठन से पहले शासन सभी निकायों में रखे गए ऐसे आउटसोर्स कर्मचारियों को चिन्हित करने में लगा हुआ है, जो बिना पदों के भरे गए हैं। शहरी विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भर के सभी निकायों में 8,000 आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं अलग-अलग सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार इन सभी 8,000 आउटसोर्स कर्मचारियों में से तकरीबन 700 कर्मचारी ऐसे भर्ती किए गए हैं, जिनके पद स्वीकृत ही नहीं थे।

आपको बता दें कि नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कई ऐसे लोगों को नौकरी दी जाती है, जिनके सापेक्ष कोई पद स्वीकृत नहीं होता है। शासन ने ऐसे पदों को लेकर के जो कि स्वीकृत नहीं हैं, कार्रवाई करने का मन बना लिया है। फिलहाल शासन अभी डाटा कलेक्ट कर रहा है। शासन ने शहरी विकास विभाग के माध्यम से सभी निकायों से ऐसे कर्मचारियों की सूचना मांगी है, जिनके सापेक्ष पद स्वीकृत नहीं हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को उनके पदों से हटाया जाएगा।

एडिशनल डायरेक्टर शहरी विकास विभाग डॉ ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि विभाग ने 12 जून 2015 को पुनर्गठित ढांचे में स्वीकृत पदों के अलावा किसी भी तरह के नियुक्ति दी गई है। उसको लेकर विभाग ने सभी निकायों से उन नियुक्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। शासन के जारी किए गए निर्देशों के अनुसार अगर इन कर्मियों को निकाय अपने स्तर पर नियमित वेतन देता है, तो संबंधित निकाय से ही वसूली की जाएगी। एडिशनल डायरेक्टर शहरी विकास विभाग डॉ ललित नारायण मिश्र ने बताया कि विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर सभी निकायों से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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