उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण की समस्या गंभीर रूप से उभर कर सामने आ रही है। हाल ही में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने पछवादून के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण का जायजा लिया। इस निरीक्षण के दौरान धार्मिक प्रतिष्ठानों, मकानों और दुकानों सहित अन्य संरचनाओं को चिन्हित किया गया, जो अवैध रूप से सरकारी भूमि पर स्थापित किए गए हैं।
अवैध अतिक्रमण पर सरकार की सख्ती
माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने राज्य में सरकारी और ग्राम समाज की जमीनों पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर, दूसरे राज्यों से आकर अवैध तरीके से सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाने पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में नियमों का उल्लंघन कर जो जमीनें खरीदी गई हैं या जिनका उपयोग गलत तरीके से किया जा रहा है, उन्हें सरकार अधिग्रहित करेगी।
चिन्हित स्थानों पर सत्यापन अभियान
30 सितंबर 2024 को एसएसपी देहरादून ने कोतवाली विकासनगर के निरीक्षण के दौरान ढकरानी, भीमावाला, डाकपत्थर बैराज, पुल नंबर 1, और खादर बस्ती जैसे क्षेत्रों का दौरा किया। इस निरीक्षण के दौरान, सरकारी जमीनों पर बनाए गए धार्मिक प्रतिष्ठानों और लगभग 90 मकानों/दुकानों को चिन्हित किया गया। यह अवैध अतिक्रमण डाकपत्थर, नवाब गढ़, ढकरानी, ढालीपुर, कुंजा, मटक माजरा और कुल्हाल जैसे इलाकों में पाया गया।
इसके अलावा, थाना सहसपुर और सेलाकुई क्षेत्रों में भी अस्थायी अतिक्रमण को चिन्हित किया गया। एसएसपी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामलों में संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करें और अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन का आदेश
एसएसपी देहरादून ने निर्देश दिया है कि चिन्हित किए गए क्षेत्रों में अन्य राज्यों से आकर बसने वाले व्यक्तियों का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। इससे न सिर्फ अवैध अतिक्रमण को रोका जा सकेगा बल्कि स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं। इस दिशा में एसएसपी देहरादून की सक्रियता यह संकेत देती है कि सरकार किसी भी हाल में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा नहीं होने देगी। भविष्य में, ऐसे अतिक्रमणों को रोकने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है