*INDIA CRIME NEWS केदारनाथ यात्रा को लेकर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन मुस्तैद,यात्रा मार्गों पर जीपीएस एवं पर्यटन मित्रों की तैनाती*

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*INDIA CRIME NEWS केदारनाथ यात्रा को लेकर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन मुस्तैद,यात्रा मार्गों पर जीपीएस एवं पर्यटन मित्रों की तैनाती*

*प्रत्येक घोड़े-खच्चर के लिए अनिवार्य हॉकर*

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की पवित्र यात्रा दो मई से शुरू होने जा रही है। यात्रा को सुचारु एवं सुरक्षित रूप से संपंन कराने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने जिला सभागार कक्ष में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि पैदल यात्रा मार्ग पर रात्रि के समय समुचित रोशनी की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही, ठंड से बचाव के लिए स्थान-स्थान पर अलाव एवं गर्म पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यात्रा के सभी पड़ावों पर साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारी ने आरटीओ विभाग को निर्देशित किया कि सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों के वाहनों में जल्द से जल्द जीपीएस लगाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थलों पर “पर्यटन मित्रों“ की तैनाती की जाए जो न केवल श्रद्धालुओं की सहायता करें, बल्कि सफाई व्यवस्था में भी सहयोग करें। डीएम सौरभ गहरवार ने कहा कि इस बार यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित करने को लेकर हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

*घोड़े-खच्चरों की निगरानी के लिए हॉकर्स की तैनाती अनिवार्य*
रुछ्रप्रयाग। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक घोड़े-खच्चर के साथ अनिवार्य रूप से ‘हॉकर्स’ (देखरेख करने वाले कर्मचारी) की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि पशुओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा पर लगातार निगरानी रखी जा सके।

*भीड़ नियंत्रण के लिए डाइवर्जन प्लान और टोकन सिस्टम*
रुद्रप्रयाग। बैठक में एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने जानकारी दी कि संगम ब्रिज के समीप टोकन काउंटर लगाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में सुगमता हो। उन्होंने बताया कि पूर्व वर्षों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मंदिर में दर्शन के लिए तीन से चार घंटे तक लग जाते थे, लेकिन इस बार दर्शन को लेकर अधिकतम एक घंटे की समयावधि सुनिश्चित की गई है। भीड़ नियंत्रण के लिए एक सुस्पष्ट डाइवर्जन प्लान भी तैयार किया गया है।

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