*INDIA CRIME NEWS देवभूमि के तीर्थस्थल बन रहे पिकनिक स्पॉट: आचार्य बिजल्वाण*

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*INDIA CRIME NEWS देवभूमि के तीर्थस्थल बन रहे पिकनिक स्पॉट: आचार्य बिजल्वाण*

*प्रसिद्ध मां सुरकंडा देवी डोली के उपासक ने किया तुंगनाथ क्षेत्र का भ्रमण*

*मिनी स्विटजरलैंड चोपता-दुगलबिट्टा में लिया बर्फबारी का आनंद*

*गौ माता को राष्ट्र माता का मिले दर्जा: अजय*

रुद्रप्रयाग। देवभूमि के तीर्थस्थल अब पिकनिक स्पॉट बनते जा रहे हैं। मिनी स्विटजरलैंड चोपता-दुगलबिट्टा आने वाले पर्यटक तुंगनाथ धाम भी जा रहे हैं और यहां पहुंचकर गंदगी फैला रहे हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड से पूरे विश्व की सुरक्षा है। देवभूमि औषधियों का भंडार है और इन दैवीय औषधियों वाले स्थानों को पिकनिक स्पॉट बनाने से देवभूमि की सुंदरता पर दाग लग रहा है, जिसको लेकर सरकार को सोचने की जरूरत है।
चांवल से जौ की हरियाली बनाने जैसे चमत्कार करने वाले प्रसिद्ध मां सुरकंडा देवी डोली के उपासक आचार्य अजय बिजल्वाण ने तुंगनाथ क्षेत्र पहुंचकर मिनी स्विटजरलैंड चोपता-दुगलबिट्टा में बर्फबारी का आनंद भी लिया। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार रोहित डिमरी से खास बातचीत करते हुए कहा कि देवभूमि के तीर्थ स्थल अब पिकनिक स्पॉट बनते जा रहे हैं। केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ जैसे दिव्य शिव मंदिरों में लोग तीर्थ की भावना से नहीं, पिकनिक मनाने की भावना से आ रहे हैं। जो विनाश का कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के तीर्थ स्थलों को पिकनिक स्पॉट बनाये जाने से यहां के सौंदर्य को खराब करने का काम किया जा रहा है। मिनी स्विटजरलैंड चोपता-दुगलबिट्टा घूमने आने वाले पर्यटक तुंगनाथ धाम तक ट्रेकिंग कर रहे हैं और यहां खाने-पीने की चीजें छोड़कर जा रहे हैं। बुग्यालों में इन दिनों बर्फ गिरी पड़ी है और प्लास्टिक कचरा फेंके जाने से भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। प्रकृति देवभूमि उत्तराखण्ड को सजा रही है, लेकिन कुछ असामाजिक लोगों के कारण प्रकृति की खूबसूरती खराब हो रही है। खाने-पीने की चीजों का उपयोग कर प्लास्टिक को सड़क किनारे या पेड़ के पीछे फेंका जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड औषधियों का भंडार है। देवताआंें ने इस धरती पर रहकर कई साल गुजारे हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड से पूरे विश्व की सुरक्षा है। जौ से हरियाली बनाने जैसे चमत्कार के सवार पर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के घर-घर में देवी-देवताओं की कृपा है। सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में भी चमत्कार हुए हैं, वे चमत्कार आज भी कायम हैं। यह साधारण सी बात है। धर्मांतरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को बनाए रखना है। किसी अन्य धर्म में प्रवेश नहीं करना है। देवभूमि के रीति-रिवाज सबसे अद्भुत हैं। यहां अन्य धर्म को स्थापित नहीं होने देना है। गौवंश की सुरक्षा को लेकर आचार्य अजय बिजल्वाण ने कहा कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित किया जाना चाहिए। सनातन धर्म के साथ ही गाय की सुरक्षा भी जरूरी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से निवेदन किया कि प्राकृतिक औधषियों वाले स्थानों पर गंदगी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। यहां के व्यवस्था प्रबंधन को मजबूत किया जाना चाहिए।

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