*INDIA CRIME न्यूज फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर ने डोईवाला के माजरी ग्रांट गांव में खोला पुस्तकालय*
*फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर की चेयरमैन डॉ. चारू चौहान ने किया उद्घाटन*
देहरादून। शिक्षण और विकास के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने पहल करते हुए फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर ने माजरी ग्रांट गांव में पुस्तकालय के उद्घाटन किया।
उद्घाटन के दौरान फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर की चेयरमैन डॉ. चारू चौहान कहा कि यह कार्यक्रम फिक्की फ्लो के मिशन का एक कदम है। जिसमें महिलाओं और समुदायों को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। इस नए पुस्तकालय का उद्देश्य ज्ञान तक आसान पहुंच प्रदान करने और जीवनभर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। जिससे कि पूरा गांव शिक्षित हो। पुस्तकालय में साहित्य, फिक्शन, पौराणिक कथाएँ, विज्ञान, अकादमिक, और प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विभिन्न शैलियों की किताबें हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध हैं। यह सभी आयु समूहों के लिए हैं। फ्लो उत्तराखंड ने उपयोगकर्ता आवश्यकताओं के आधार पर नवीनतम पठनीय सामग्री से पुस्तकालय को लगातार अद्यतन करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
इस कार्यक्रम में डॉ. चारू चौहान ने रिबन काटने का समारोह हुआ, इसके बाद पुस्तकालय का दौरा और स्थानीय समुदाय के साथ इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए। ये समारोह फिक्की फ्लो के बदलाव की संभावनाओं को उजागर करते हैं, जो शिक्षा और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए अवसरों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। जो सभी के लिए सतत विकास और उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
यह परियोजना मेजर अनिता मरवाह (सेवानिवृत्त), कार्यकारी सदस्य, फ्लो उत्तराखंड की समर्पित कोशिशों से संभव हुई, जिन्होंने ग्रामीण आजीविका और ग्रामीण उद्यमिता के समन्वयक की भूमिका निभाई, ग्राम प्रधान अनिल पाल से मिले समर्थन, जिन्होंने इस विज़न को साकार करने में सहयोग किया।
पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह मे डॉ. अनुराधा मल्ला, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चौप्टर की पूर्व चेयरमैन भी मौजूद रही। फिक्की फ्लो के कई अन्य प्रमुख सदस्य, जिनमें श्रीमती गुरकिरन पाठक, मेजर अनिता एम. जैन (सेवानिवृत्त), ग्रामीण आजीविका और ग्रामीण उद्यमिता की समन्वयक भी शामिल थीं। इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान अनिल पाल और उत्साही समुदाय के सदस्य भी उपस्थित थे।