*INDIA CRIME NEWS केदारनाथ यात्रा के लिए नासूर बना मुनकटिया स्लाइडिंग जोन,श्रद्धालुओं के लिए कंधों पर लादकर रास्ता पार करवा रहे जवान*
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे के सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मुनकटिया और शटल सेवा वाहन के पास स्लाइडिंग जोन नासूर बन गया है। यहां पर आए दिन पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है। इस कारण यात्रा बाधित होने के साथ ही तीर्थ यात्री भी फंस रहे हैं, जिससे यात्रियों को 6 किमी का अतिरिक्त सफर भी तय करना पड़ रहा है। इधर एसडीआरएफ के जवान तीर्थ यात्रियों के लिए देवदूत बन रहे हैं। जवान यात्रियों को कंधों पर लादकर रास्ता पार करवा रहे हैं।
बता दें कि बीती 31 जुलाई 2024 की केदारघाटी आपदा में आई थी। जिसमें सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा सोनप्रयाग के पास मंदाकिनी नदी में समा गया था। अब फिर यह जोन सक्रिय हो गया है और आए दिन यहां पर भूस्खलन हो रहा है। एक हफ्ते से यहां पर यही स्थिति बन रही है। लगातार भूस्खलन होने से यात्रा प्रवाहित हो रही है और तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एसडीआरएफ के जवान जान जोखिम में डालकर यहां पर यात्रियों का सफर रेस्क्यू कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित तरीके से रास्ता आर पार करवा रहे हैं। कई बार एसडीआरएफ के जवान बुजुर्ग महिला एवं बच्चों को कंधों में लाद कर बड़े-बड़े बोल्डर के बीच अपनी जान को जोखिम में डालते हुए रास्ता आर पार करवा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते सोनप्रयाग शटल पुल और मुनकटिया के पास स्लाइडिंग जोन वाले क्षेत्र में लगातार मलबा-पत्थर आने से मार्ग यात्रियों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बाधित रहा। संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के स्तर से मार्ग को खोले जाने की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन लगातार हो रही बारिश और ऊपर पहाड़ी से मलबा पत्थर गिरने के कारण इन दोनों जगहों पर मार्ग खोले जाने में दिक्कतें आईं।
मौसम के साफ होने और मलबा पत्थर के गिरने से रुकने के बाद संबंधित कार्यदायी संस्था के स्तर से दोनों छोरों से कार्य शुरू किया गया। जिसके बाद इन दोनों जगहों पर मार्ग को पैदल चलने लायक बनाया गया। पुलिस के जवान इन दोनों जगहों के छोरों पर सुरक्षा के मद्देनजर तैनात हैं, जो यात्रियों को रोकते हुए मार्ग के सुचारू होने पर उन्हें यात्रा मार्ग पर भेज रहे हैं।
इन स्थानों पर मार्ग के खुलने और बंद होने की आंख मिचौली बनी हुई है। संबंधित कार्यदायी संस्था, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के स्तर से अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए यात्रियों की आवाजाही करवाई जा रही है। पुलिस की ओर से केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से खास अपील भी की जा रही है। उन्हें मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए सतर्कता के साथ ही केदारनाथ की यात्रा पर आने को कहा जा रहा है।
*मानसून सीजन का पड़ने लगा असर*
देहरादून। मानसून सीजन आते ही केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में बेहद कमी आने लगी है। पिछले हफ्ते जहां रोजाना 25 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे थे। वहीं, अब यात्रियों की संख्या करीब 10 से 11 हजार के बीच आ गई है।
*केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट*
देहरादून। कुछ दिनों में यह आंकड़ा और भी कम हो जाएगा। अभी तक 12 लाख 82 हजार से ज्यादा यात्री बाबा केदार के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। कुल मिलाकर कहें तो केदारनाथ धाम की यात्रा पर मानसून का असर साफ दिखाई देने लग गया है। हादसों की वजह से भी यात्रियों ने यहां आना फिलहाल बंद कर दिया है।
*पहाड़ों में आफत लेकर आता है मानसून*
देहरादून। हर साल की तरह मानसून पहाड़ों में आफत लेकर आता है और मानसून का सबसे बुरा असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ता है। मानसून सीजन में केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम हो जाती है। जबकि, पैदल यात्रा मार्ग समेत केदारनाथ हाईवे पर भी भूस्खलन होने से यात्रियों के साथ दुर्घटनाएं घट जाती हैं। इन दिनों केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आ गई है।