*INDIA CRIME NEWS 48 साल पार्टी का सिपाही बनकर किया काम, फिर भी मेरी पत्नी को नहीं दिया टिकट छलका कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का दर्द*

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*INDIA CRIME NEWS 48 साल पार्टी का सिपाही बनकर किया काम, फिर भी मेरी पत्नी को नहीं दिया टिकट
छलका कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का दर्द*

देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही पार्टी के नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों के ऐसे कई बड़े चेहरे हैं, जो अपनी ही पार्टी से बगावत करके अपने ही नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ झंडा बुलंद कर लिया है। इसका कारण यह है कि वह पिथौरागढ़ से अपनी पत्नी को मेयर का टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन सभी के टिकट पर हस्ताक्षर करने वाले मथुरा दत्त जोशी को ही पार्टी ने निराश कर दिया है। अब मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के खिलाफ आवाज उठाई है।

टिकट न मिलने के बाद मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि अब वह पार्टी छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस में टिकट और पद सिर्फ शराब माफिया और खनन माफियाओं के लिए बचे हैं, जबकि मैं पार्टी के लिए सालों से कम कर रहा हूं और मैं चाहता था कि मेरी पत्नी रुक्मणी जोशी को पिथौरागढ़ नगर निगम से टिकट दिया जाता। क्योंकि पिथौरागढ़ सीट महिला के लिए आरक्षित थी। मेरी पत्नी ने भी कांग्रेस में टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनके आवेदन को नजर अंदाज किया गया।

मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि 48 साल से वह कांग्रेस के साथ कम कर रहे हैं। ना जानें कितने नेता आए और कितने छोड़कर चले गए, लेकिन हमने कभी भी पार्टी का साथ किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ा। मैं इतने सालों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, लेकिन आज तक मुझे विधायक बनने का मौका तक नहीं दिया गया, जबकि मैंने कांग्रेस में रहकर हमेशा विपरीत परिस्थितियों में काम किया है। उन्होंने हरीश रावत, प्रीतम सिंह और यशपाल आर्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन नेताओं ने ही उनका टिकट काटा है और मैंने अपनी नाराजगी पार्टी के सम्मुख रख दी है।

मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि पहले कांग्रेस ने मुझसे वादा किया था कि टिकट मेरी पत्नी को दिया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद मेरे साथ पार्टी ने धोखा किया है। मैंने हमेशा पार्टी का साथ दिया है, लेकिन अब मैंने यह सोचा है कि मैं फिलहाल पार्टी के साथ काम नहीं करूंगा और अगर जरूरत पड़ती है तो अपने पद से इस्तीफा भी दूंगा। मैं जल्द ही इस विषय में कोई फैसला लूंगा और ऐसी जगह पर रहना पसंद बिल्कुल नहीं करूंगा, जहां पर कार्यकर्ताओं की कोई कदर ना हो।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेता हरीश रावत ने अपने कार्यकर्ताओं से छोटा बनकर माफी मांगी है और कहा है कि हर किसी को टिकट नहीं दिया जा सकता और वह नाराज नेताओं से माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की कद्र की है। लेकिन अगर कोई निराश है, तो पार्टी उससे बात करेगी और घर में इस तरह की बातें होती रहती हैं।

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