*INDIA CRIME न्यूज डिजिटल अरेस्ट*स्कैम 03 करोड़ का भण्डाफोड़ करते हुये एक आरोपी को बहराइच उ0प्र0 से किया STF ने गिरफ्तार*

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*INDIA CRIME न्यूज डिजिटल अरेस्ट*स्कैम 03 करोड़ का भण्डाफोड़ करते हुये एक आरोपी को बहराइच उ0प्र0 से किया STF ने गिरफ्तार*

*एसटीएफ उत्तराखण्ड*राजपुर, देहरादून निवासी एक पीडित को साइबर ठगों द्वारा डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 03 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ठगे जाने के मामले में हुआ इस गिरोह का पर्दा फाश।*

*गिरोह द्वारा ग्रेटर मुम्बई पुलिस ऑफिसर एवं सी0बी0आई0 अधिकारी बन Whats App पर वीडियो कॉल/वॉइस कॉल के माध्यम से पीडित को लगभग 48 घण्टे तक रखा गया था डिजिटल अरेस्ट*

*गिरफ्तार आरोपी द्वारा धोखाधडी में प्रयुक्त किये जा रहे बैंक खाते के विरुद्ध देश भर के विभिन्न राज्यों में 76 शिकायतें दर्ज होना पायी गयी तथा उक्त खाते में 6 करोड़ से अधिक धनराशि का पाया गया संदिग्ध लेन देन*

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 नवनीत सिंह* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि राजपुर, देहरादून निवासी एक पीडित द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर आकर सूचना अंकित कराई गई थी कि उसके मोबाइल नं0 पर Fedex कोरियर से एक कॉल आयी कि आपका पार्सल मुम्बई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स वालों ने पकड़ लिया है, जिसमें कुछ आपत्तिजनक सामग्री जैसे 5-6 पासपोर्ट, ड्रग्स आदि सामान है उक्त व्यक्ति ने प्रार्थी को उसका आधार नं०, मोबाइल नं० व उसकी कुछ व्यक्तिगत जानकारी बतायी। उसके द्वारा जब कहा गया, कि उसके द्वारा कोई पार्सल नहीं भेजा गया, तो बताया कि यह पार्सल आपके नाम से है अब इसके सम्बन्ध में जो भी कार्यवाही होगी वह आप पर ही होगी और अब इन सबसे बचना बहुत मुश्किल है और कॉल को मुम्बई पुलिस को फॉरवर्ड कर दी जिसके बाद उक्त अन्य व्यक्ति द्वारा अपने आपको ग्रेटर मुम्बई पुलिस का बड़ा अफसर बताया और कहा कि आपके खिलाफ ड्रग ट्रेफिंग और मनी लान्ड्रींग का केस हो गया है। जिसमें आपके खिलाफ जाँच होगी और आपको मुम्बई आना होगा और शायद आपको जेल भी जाना पड़े। उक्त व्यक्ति तरह-तरह की बातें कर उसे भय में डालने लगा जिसके कारण वह अत्यधिक भयभीत हो गया और उसकी सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो गई। उक्त व्यक्ति ने कहा कि मैं आपको इन सबसे बचाने का प्रयास करता हूँ और अपने बड़े अफसरों से आपके सम्बन्ध में बात करता हूँ। उक्त व्यक्ति ने प्रार्थी को कहा कि हम व्हॉटसअप के माध्यम से विडियो कॉल व वॉइस कॉल करेंगे और अब आप हमारे अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति से ना तो बात करेंगे और ना ही हमारी मर्जी के बिना घर से बाहर जायेंगे।

*साइबर अपराधियों द्वारा पीडित को डिजिटल हाउस अरेस्ट/ डिजिटल अरेस्ट कर पीडित की जिन्दगी भर की कमाई धोखाधडी से हड़प ली गयी थी ।

*अपराध का तरीका*डिजिटल हाउस अरेस्ट एक ऐसा तरीका है जिसमें जालसाज, लोगों को उनके घरों में ही फंसाकर उनसे धोखाधड़ी करते हैं। ये जालसाज फोन या वीडियो कॉल के जरिए डर पैदा करते हैं। साइबर अपराधियों द्वारा बेखबर लोगों को अपने जाल में फंसाकर धोखा देकर उनकी गाढी कमाई का रुपया हडपने के लिये मुम्बई क्राईम ब्रान्च, सी0बी0आई0 ऑफिसर, नारकोटिक्स डिपार्टमेण्ट, साइबर क्राइम, IT या ED ऑफिसर के नाम से कॉल कर ऐसी गलती बताते हुये जो आपने की ही न हो जैसे आपके नाम/ आधार कार्ड आदि आई0डी0 पर खोले गये बैंक खातों में हवाला आदि का पैसा जमा होने अथवा आपके नाम से भेजे गये कोरियर/पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग्स, फर्जी दस्तावेज पासपोर्ट आदि अवैध सामग्री पाये जाना बताकर मनी लॉण्ड्रिंग, नारकोटिक्स आदि के केस में गिरफ्तार करने का भय दिखाकर व्हाट्सएप वाइस/वीडियो कॉल, स्काइप आदि के माध्यम से विवेचना में सहयोग के नाम पर अवैध रुप से डिजिटल हाउस अरेस्ट कर उनका सारा पैसा आर0बी0आई0 से जाँच/वैरिफिकेशन कराने हेतु बताये गये खातों में ट्रांसफर करवाकर धोखाधडी को अंजाम दिया जाता है।

कभी-कभी वे झूठ बोलकर पीड़ित के रिश्तेदारों या दोस्तों को भी किसी अपराध या दुर्घटना में उनकी संलिप्तता के बारे में बताते हैं, जिससे पीड़ित घबरा जाए। इसके बाद ये जालसाज खुद को पुलिस या सरकारी अफसर बताते हुए कहते हैं कि अगर वे पैसे देंगे तो मामला बंद हो जाएगा। इतना ही नहीं, जालसाज तब तक उन्हें वीडियो कॉलिंग करते रहते हैं जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। ये जालसाज कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कभी-कभी तो वे नकली पुलिस स्टेशन या सरकारी दफ्तर का सेटअप बना लेते हैं और असली पुलिस की वर्दी जैसी दिखने वाली वर्दी पहन लेते हैं।

*गिरफ्तार*
1- मनोज पुत्र स्व0 नारायण निवासी बसौना, दहौरा, केसरगंज, थाना रानीपुर, जिला बहराइच उ0प्र0

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