*INDIA CRIME न्यूज हरिद्वार कप्तान के नेतृत्व में नजराना पेश कर रही हरिद्वार पुलिस,एक और शानदार खुलासा, 24 घंटे के भीतर सुलझाई ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी*
*हरिद्वार पुलिस के बड़े खुलासे से मीडिया जगत सहित आमजन हैरान/खुश*
*कनखल स्थित आश्रम के महंत की गुमशुदगी के पीछे छुपे राज से,उठाया पर्दा*
*सेवादारों की नापाक करतूतों को उजागर कर, मास्टरमाइंड सहित 04 आरोपी दबोचे*
*आश्रम की बेशकीमती संपत्ति को हड़पने के लिए की थी महंत राम गोविंद दास की हत्या*
*महंत की हत्या कर फर्जी बाबा को सौंपा था आश्रम की देखरेख का जिम्मा, हरिद्वार पुलिस ने किया दूध का दूध पानी का पानी*
*महंत का धर्म प्रचार पर बाहर जाना बता कर सभी को कर रहे थे गुमराह*
*महंत की हत्या के बाद महंत के हस्ताक्षर किए चेक से की लाखों ₹ की हेराफेरी*
*आश्रम को बेचने के लिए फर्जी वसीयतनामा किया था तैयार*
*10 करोड़ में चल रही थी डील, सौदा होते ही रफूचक्कर होने का था प्लान*
*एसएसपी द्वारा की गई पुलिस टीम को ₹5000 ईनाम की घोषणा*
*कनखल पुलिस ने ब्लाइंड केस का सफल खुलासा किया*
*विवेचना में आश्रम से जुड़े और भी पहलुओं को ध्यान में रख कार्रवाई कर रहे हैं :: एसएसपी हरिद्वार”*
*क्या था मामला* रुद्रानन्द पुत्र श्यामलहरी गिरी निवासी रायवाला गौरी गीता आश्रम बिरला मन्दिर देहरादून द्वारा महन्त गोविन्द दास शिष्य बिशम्बर दास महाराज निवासी श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल हरिद्वार के धर्म प्रचार हेतु आश्रम से राजस्थान जाना व वापस न आने के संबंध में थाना कनखल पर गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।
*गुमशुदगी से उठा पर्दा, कई चरणों की पूछताछ के बाद टूटा फर्जी बाबा, हत्या का निकला मामला*
अनुभवी कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के पर्यवेक्षण एवं एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह व सीओ सिटी जूही मनराल के निर्देशन में पुलिस जब विवेचना में जुटी तो आश्रम के कार्यकर्ता मनीषानंद, शोभित व गुमशुदा महन्त के परिचितों से पूछताछ करने पर पता चला कि जून माह 2024 से आश्रम में एक नया बाबा बैठा है जिसको पहले कभी देखा नहीं गया।
पूछताछ में कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होने पर आश्रम में बैठाए गए नए बाबा रामगोपाल नाथ से कनखल पुलिस की कई चरणों की पूछताछ पर पूरी घटना से पर्दा उठा व मुख्य आरोपी की भूमिका सामने आने पर महंत की हत्या होना प्रकाश में आया।
*कौन कौन हैं आरोपी, कैसे दिया था घटना को अंजाम*
घटना का मास्टरमाइंड अशोक फरवरी माह 2024 में आश्रम में आया था जो कपड़े बेचने के लिए आश्रम एवं आसपास इलाकों में आता था और कभी-कभी एक या दो दिन के लिए आश्रम में रूक जाया करता था वहीं से इसकी बाबा से मुलाकात हो गई। ये आश्रम के बाबा को 2021 से जानता था। इसी कारण लगभग 3 माह आश्रम में रुक कर गया था। मुख्य आरोपी अशोक समय-समय पर अपने दोस्त ललित, सौरभ व प्रदीप को आश्रम में बुलाता रहता था। इस दौरान इनके द्वारा आश्रम की पूरी जानकारी, महंत का उत्तराधिकारी न होने व शहर के बीचोंबीच स्थित आश्रम की बेशकीमती संपत्ति के बारे में गहनता से जानकारी इकट्ठा कर अशोक वापस गया और अपने साथियों ललित, सौरभ व प्रदीप के साथ षड़यंत्र रचते हुए महंत को रास्ते से हटा पूरी की पूरी बेशकीमती संपत्ति पर कब्जा कर मोटा मुनाफा कमाने का कुटिल प्लान बनाया।
सभी दोस्तों ने प्लान के मुताबिक सबसे पहले आश्रम में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे हटा दिए और मौका देखकर महंत राम गोविंद दास को पहले नशे के इंजेक्शन लगाकर मूर्छित कर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने कट्टे में रखे शव को किराए की स्कूटी की मदद से ले जाकर गंगा नदी में फेंक दिया।
महंत की हत्या के बाद अशोक ने 3 जून को अपने किसी परिचित फर्जी बाबा रामगोपाल नाथ को रुपयों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया और फर्जी बाबा को अंधेरे में रखकर महंत के धर्म प्रचार हेतु अयोध्या जाना बताया व बताया कि किसी के द्वारा महंत के बारे में पूछताछ करने पर महंत के अयोध्या जाने की बात कहना। अशोक द्वारा बुलाए गए फर्जी बाबा को बाकी लोगों के साथ उठने बैठने, खाने-पीने के दौरान कुछ दिन बाद आश्रम के महंत की हत्या की जानकारी हो गई लेकिन समय-समय पर मिल रहे खर्च एवं आश्रम बेचकर हिस्से में आने वाले मोटे मुनाफे के लालच में वह चुपचाप बैठा रहा और इस बात को दबाए रखा।
अब मुख्य बात यह थी कि बाबा को ठिकाने लगाने के बाद उसके आश्रम को कैसे बेचा जाए। इसके लिए आरोपी अशोक ने आश्रम को बेचने के लिए संजीव त्यागी जो छोटा-मोटा प्रॉपर्टी डीलर है, से मिलकर महंत के हू-ब-हू जाली हस्ताक्षर कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया और संजीव त्यागी द्वारा पूरी जानकारी होने के बाद भी मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में आरोपियों का साथ दिया गया।
*करोड़ों की संपत्ति हड़पने का था सपना, लाखों ₹ की कर चुके थे हेराफेरी*
मास्टरमाइंड अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर महंत की करोड़ों की प्रोपर्टी हड़पने के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया था। मुख्य आरोपी महंत की हत्या के पश्चात महंत की लगभग 50 लाख की FD, चेक बुक, मोबाइल व अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गया और गुमराह करने के उद्देश्य से मृतक के मोबाइल में अलग अलग सिम डाल रहा था।
महंत के बैंक एकाउंट चैक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से लगभग 10 लाख की रकम भी हड़प चुका था इसके बाद अब लाखों की FD, जिसके मूल कागज़ात इनसे बरामद हुए हैं, को कैश कराने की फिराक में घूम रहा था लेकिन तेजतर्रार हरिद्वार “कनखल” पुलिस से बच न सका।
आरोपी संजीव त्यागी के साथ मिलकर आश्रम का फर्जी वसीयतनामा बनाकर आश्रम को 10 करोड़ में बेचने की डील की तैयारी में थे।
*आरोपियों द्वारा लिखी पटकथा नहीं आई काम*
महंत की हत्या के बाद मुख्य आरोपी अशोक द्वारा फर्जी बाबा को आश्रम बैठाकर सभी को आश्रम से जुड़े नए सेवादारों व महंत के परिचितों को यह कह कर गुमराह किया गया कि महंत जी धर्म प्रचार हेतु अयोध्या गए हैं व आश्रम की देखभाल हेतु नए बाबा को रखा गया है।
*गुमशुदगी दर्ज न कराने पर हुआ शक*
विगत 04 माह से महंत का मोबाइल स्विच ऑफ होना व उनकी कोई खबर न होने पर भी आश्रम से किसी के द्वारा पुलिस को सूचना न देने पर महंत के एक अन्य चेले रूद्रानन्द (वादी) जो परशुराम अखाडे से सम्बन्ध रखता है द्वारा शक होने पर थाना कनखल पर दिनांक 17.10.2024 को महंत की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। जिसको कनखल पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 24 घंटे के अंदर खोल दिया।
*04 आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी*
घटना में शामिल मुख्य आरोपी अशोक, ललित व आपराधिक षड्यंत्र में शामिल रामगोपाल नाथ व संजीव त्यागी को थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया जा चुका है। वर्तमान में प्रकाश में आए अन्य 02 अभियुक्तों सौरभ व प्रदीप की तलाश जारी है। विवेचना प्रचलित अगर और भी नाम प्रकाश में आए तो उनको भी नियमानुसार गिरफ्तार किया जाएगा।